Punjab Chief Minister's reply to the Governor

पंजाब के मुख्यमंत्री का राज्यपाल को जवाब-मेरी जवाबदेही प्रदेश के 3 करोड़ लोगों को

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Punjab Chief Minister's reply to the Governor

Punjab Chief Minister's reply to the Governor: चंडीगढ़। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान (Chief Minister Bhagwant Singh Mann) ने राज्यपाल द्वारा प्रिंसिपलों को ट्रेनिंग के लिए सिंगापुर भेजने व अन्यमामलों पर लिखे पत्र का जवाब देते हुए ट्वीट कर स्पष्ट किया है कि आपकी चिठ्ठी मीडिया के जरिये मिली। जितने भी विषय आपने पत्र में उठाये हैं वह सारे राज्य के विषय हैं। मैं और मेरी सरकार, संविधान अनुसार 3 करोड़ पंजाबियों को जवाबदेह है, न कि केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त किसी राज्यपाल को। इसी को मेरा जवाब समझें।

प्रिंसिपलों को सिंगापुर भेजे जाने को लेकर राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को लिखा है एक पत्र

ज्ञात रहे कि पंजाब के प्रिंसिपलों को सिंगापुर भेजे जाने को लेकर पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित ने मुख्यमंत्री भगवंत मान को एक पत्र लिखा है। इसमें कहा गया है कि प्रिंसिपलों को ट्रेनिंग पर सिंगापुर भेजे जाने को लेकर उन्हें कई शिकायतें मिली हैं। प्रिंसिपलों के चयन में पारदर्शिता नहीं बरती गई लिहाजा उन्हें बताया जाए कि सिलेक्शन प्रोसेस में अपनाये गए क्राइटीरिया का पूरा ब्यौरा क्या है? पुरोहित ने पत्र में लिखा कि सिंगापुर दौरे के लिए प्रिंसिपलों के चयन में धांधली की शिकायतें हैं। इनमें कदाचार व अवैधता है। उन्होंने सीएम से पूछा कि क्या इस स्कीम को पूरे पंजाब में जारी किया गया था? पुरोहित ने खबरों का हवाला देते हुए कहा कि ट्रेनिंग का पहला बैच वापिस आ चुका है, यह बताया जाए कि इस विजिट में कुल कितना खर्चा आया? ट्रेवलिंग व बोर्डिंग के अलावा ट्रेनिंग पर कितना धन खर्च हुआ?

पंजाब राज्यपाल ने ये विषय भी उठाये

पुरोहित ने लिखा कि मुझे पता चला कि आपने गुरिंदरजीत सिंह जवांडा को पंजाब इनफर्मेशन एंड कम्यूनिकेशन एंड टेक्नोलॉजी कारपोरेशन लिमिटेड का चेयरमैन नियुक्त किया जो पंजाब की महत्वपूर्ण व एक साख वाली कारपोरेशन है। जवांडा का नाम फिरौती व प्रापर्टी हड़पने में सामने आया है। इससे संबंधित पूरा ब्यौरा मुझे दिया जाए। पुरोहित ने कहा कि मैं इस बात से पूरी तरह वाकिफ हूं कि आपको लोगों ने बड़ा वोट देकर चुना लेकिन यह चुनाव प्रशासन को संविधान के अनुसार चलाने के लिए है, न कि अपनी धारणाओं व कल्पनाओं के आधार पर। संविधान के आर्टिकल 167 के तहत आपको मेरी ओर से मांगी गई सारी जानकारी व डिटेल देनी होगी। आप ने यह जानकारी देना मुनासिब नहीं समझा और मेरे आदेशों की अवज्ञा की। मैंने यह सोचकर प्रेस को यह लैटर जारी नहीं किये कि आप संविधान की मर्यादाओं का पालन करेंगे। लेकिन अब लगने लगा है कि आप जानबूझ कर मेरे पत्रों को दरकिनार कर रहे हैं और मैं जानकारियां प्रेस के समक्ष जारी करने के लिए मजबूर हुआ हूं। इससे पहले भी अनुसूचित जाति के स्टूडेंट्स जो कालेजों में पढ़ रहे हैं कि स्कॉलरशिप जारी न करने को लेकर आपसे जवाब मांगा गया था। इन 2 लाख स्टूडेंट्स ने स्कॉलरशिप जारी न होने की वजह से अपनी पढ़ाई छोड़ दी है। पीएयू के अवैध तरीके से लगाये गए वीसी को हटाने के लिए कहा था।

चंडीगढ़ के पूर्व एसएसपी चहल को क्यों बदला जालंधर

बनवारी लाल पुरोहित ने कहा कि 14 दिसंबर 2022 को चंडीगढ़ के एसएसपी रहे कुलदीप सिंह चहल पर लगे आरोपों को लेकर भी पत्र लिखा था। उन्हें न केवल आपने प्रमोशन दी बल्कि जालंधर का कमिश्नर तैनात कर दिया। वह भी 26 जनवरी 2023 से पहले, जब आपको पता था कि वह (राज्यपाल) जालंधर में इस दिन सरकारी कार्यक्रम में तिरंगा फहरायेंगे। मुझे डीजीपी को आदेश देना पड़ा कि एसएसपी की उनसे समारोह के दौरान दूरी बनाये रखी जाए। ऐसा लगता है कि यह अफसर तुम्हारे चहेते अफसरों में है क्योंकि जो तथ्य आपके ध्यान में लाये जाते रहे उन्हें आप दरकिनार करते रहे। 4 जनवरी 2023 को एक पत्र सीनियर अफसरों की मीटिंग में नवल अग्रवाल की उपस्थिति को लेकर लिखा। इस मीटिंग में देश की सुरक्षा से संबंधित सेंसटिव व गुप्त मुद्दे डिसकस हुए थे। इस पर भी जवाब नहीं मिला। विज्ञापनों को लिखे लैटर पर भी आपने चुप्पी धारण कर ली। 

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